कमलनाथ के विजन का क्रेडिट ले रही भाजपा ! CMO के पुराने ट्वीट किए वायरल, मंत्री ने कहा
श्री महाकाल लोक निर्माण को लेकर दोनों ही मुख्य पार्टियां अब खुद को श्रेय देने में लगी हुई है। जिसके चलते भाजपा और कांग्रेस आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक वॉर भी शुरू गई है।
उज्जैन में श्री महाकाल लोक का आज लोकार्पण होने जा रहा है। पीएम मोदी लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उज्जैन पहुंचेंगे। श्री महाकाल लोक निर्माण कार्य को लेकर दोनों ही मुख्य पार्टियां अब खुद को श्रेय देने में लगी हुई है। जिसके चलते भाजपा और कांग्रेस आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक वॉर भी शुरू गई है। जहां पुराने ट्वीट्स शेयर किए जा रहे है सिर्फ यह सिद्ध करने के लिए की आखिर यह कॉरिडोर का कार्य किसने शुरू कराया था।
दरअसल मुख्यमंत्री के ऑफिसियल ट्वीटर हैंडल से 17 अगस्त 2019 को एक ट्वीट किया गया था जिसमें कमलनाथ सरकार द्वारा महाकाल प्रोजेक्ट के लिये 300 करोड़ रुपए आवंटित करने की बात की गई है। मुख्यमंत्री के ऑफिसियल फ़ेसबुक पर भी 17 अगस्त 2019 को एक विस्तृत पोस्ट लिखी गई जिसमें कमलनाथ जी द्वारा 300 करोड़ की योजना शुरू करने की बात और पूरी योजना का विस्तार से वर्णन व बैठक के फोटो भी हैं।
वहीं जनसंपर्क उज्जैन के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से 19 अगस्त 2019 को ट्वीट किया गया था जिसमें कमलनाथ सरकार द्वारा महाकाल मंदिर के सुविधा विस्तार की और सौंदर्यीकरण की बात लिखी गई है। जनसंपर्क मध्य प्रदेश के हैंडल से भी इसी तरह के पोस्ट किए गए है। ये सभी हैंडल वेरीफाईड हैं और सरकारी हैं।
वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इन ट्वीट्स को शेयर कर राज्य सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने ट्वीट पर लिखा कि शिवराज के झूठ का पर्दाफ़ाश। कमलनाथ ने काम किया शिवराज रहे श्रेय लूट, बाबा महाकाल के सामने, परोस रहे सफेद झूठ। शर्म करो शिवराज।
लेकिन भाजपा इस दावे के पुरजोर विरोध कर रही है। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने इस बात पर पटलवार करते हुए कहा कि कमलनाथ अपने आप को बाबा महाकाल से बड़ा मानते हैं। कमलनाथ का श्रेय लेना उनका एरोगेन्स दिखाता है। घमंड रावण का नहीं रहा तो कांग्रेस का भी नहीं रहेगा।
इसी कड़ी में गृह मंत्री का भी एक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि शिवराज सरकार ने 2017 में प्रस्ताव पारित किया था और 2018 में डीपीआर को मंजूरी मिली थी। जब 2020 में सरकार दोबारा सत्ता में आई तो बजट पास हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार में यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया था।
कमलनाथ के श्री महाकाल लोक का श्रेय लेने के आरोपों पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ को झूठ बोलने का शगल है। पहले किसानों और नौजवानों से झूठ बोला। और अब महकला लोक को लेकर झूठ फैला रहे है। कमलनाथ कम से कम भगवान को तो बख्श दें। और जो अच्छा काम हो रहा है, उसकी तारीफ करें।