बैंक की तिजोरी नहीं थी खाली, बक्से में रखे 42 लाख; पानी में गल गए

तीन महीन पहले ही इन नोटों के सड़ने की जानकारी बैंक प्रबंधन को हो गई थी, लेकिन उस समय मामले को दबा दिया गया. अब जब रिजर्व बैंक ने करेंसी का आडिट कराया तो पूरे मामले का खुलासा हुआ है. इसके बाद बैंक में तैनात चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है.

बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक की इसी शाखा में मुख्य करेंसी चेस्ट है. बताया जा रहा है कि इसमें क्षमता से कहीं ज्यादा नगदी रखी गई थी. इसके चलते बैंक प्रबंधन इस नगदी को संभाल नहीं पाया और रैक से अधिक रकम को लोहे के बक्से में भरकर फर्श पर ही रख दिया गया. इधर, पिछले दिनों हुई बारिश के दौरान चेस्ट के अंदर सीलन हो गई. इसके बाद बैंक प्रबंधन ने फर्श पर रखे बक्सों जगह बदली तो पता चला कि सीलन का असर बक्सों में रखी नगदी पर भी हुआ है. लेकिन उस समय मामले को दबा दिया गया. बाद में आरबीआई ने चेस्ट की आडिट कराई तो मामले का खुलासा हुआ. इसके बाद हाल ही में आरबीआई के अधिकारियों ने इस चेस्ट का निरीक्षण किया और खराब नोटों की गिनती कराई तो पता चला कि एक दो नहीं, बल्कि पूरे 42 लाख रुपये के नोट सड़ चुके हैं.

रखरखाव में लापरवाही का आरोप

मामला प्रकाश में आने के बाद बैंक प्रबंधन ने चुप्पी साध ली है. हालांकि चेस्ट के निरीक्षण के बाद रिजर्व बैंक ने मामले की पुष्टि कर दी है. रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने बताया कि सड़े गले नोटों का मूल्य करीब 42 लाख रुपये है. अधिकारियों के मुताबिक यह दिक्कत रखरखाव में लापरवाही की वजह से सामने आयी है. उधर, पंजाब नेशनल बैंक प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से चार अधिकारियों को सस्पेंड कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

मामला दबाने में असफल रहे अधिकारी

जानकारी के मुताबिक तीन महीने पहले ही मामला सामने आ गया था, लेकिन बैंक अधिकारियों ने इसे दबाने का खूब प्रयास किया. चार अधिकारियों को सड़ी गली रकम की भरपायी की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन जब उन अधिकारियों ने ऐसा करने से मना किया तो मामला रिजर्व बैंक तक पहुंच गया और आडिट में पूरा मामला सामने आ गया. इसके बाद बुधवार देर शाम करेंसी चेस्ट के वरिष्ठ प्रबंधक देवी शंकर, प्रबंधक आशाराम, चेस्ट आफिसर राकेश कुमार और वरिष्ठ प्रबंधक भास्कर कुमार भार्गव को सस्पेंड कर दिया गया.

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