झारखंड में सियासी संकट जारी है, सोरेन सरकार की कैबिनेट बैठक जारी है. यह संभव है कि पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जा सकता है, यह घोषणा के बाद कि राज्य सरकार के पास पैसे खत्म हो गए थे।v
झारखंड में सियासी संकट के बीच सोरेन कैबिनेट की बैठक चल रही है। इसमें राज्य में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने के फैसले की सूचना है। बैठक में कुल 25 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली है। राजभवन पर दबाव बनाने के लिए सरकार विधानसभा का विशेष सत्र भी बुला सकती है। इसके जरिए सरकार दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरह खुद से विधानसभा में विश्वास मत पारित कर सकती है। विधानसभा के विशेष सत्र की घोषणा भी कैबिनेट की बैठक के बाद की जा सकती है। कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी।
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इससे पहले UPA प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन देकर CM हेमंत सोरेन की विधायकी पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। ज्ञापन में महागठबंधन ने अपने एकजुट होने का दावा किया।
सौंपे ज्ञापन में CM की विधायकी रद्द होने की खबरों से पैदा हुई भ्रम की स्थिति पर चिंता जताई गई और कहा गया है कि जल्द से जल्द इसे साफ किया जाए। इस तरह के भ्रम से सरकार को डिस्टेबलाइज करने की कोशिश हो रही है। गवर्नर ऑफिस के आधे-अधूरे लीक से कन्फ्यूजन पैदा हो गया है जो प्रशासन पर असर डाल रहा है। प्रतिनिधिमंडल में सांसद धीरज साहू, गीता कोड़ा, विजय हांसदा, महुआ माजी, पूर्व विधायक श्री बंधु तिर्की, विनोद कुमार पांडेय, सुप्रियो भट्टाचार्य, राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद भोक्ता उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा- 1-2 दिन में कानूनी सलाह लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी
राज्यपाल से मुलाकात के बाद जेएमएम महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि राज्यपाल ने कहा है कि चुनाव आयोग से चिट्ठी मिली है। इस पर 1-2 दिन में कानूनी सलाह लेकर इस पर स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी।
सीएम के इस्तीफे की बात को नकारते हुए विनोद पांडेय ने कहा कि राज्यपाल से हमने कहा है कि जिस तरह से मीडिया में खबरें आ रही हैं, उससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। राजभवन से जानकारी दिए जाने का हवाला दिया जा रहा है। जिस पर राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि राजभवन से कोई जानकारी नहीं दी गई है। 1-2 दिनों में पूरी स्थिति साफ कर दी जाएगी।
मुलाकात के बाद राजभवन से बाहर निकली सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि राज्यपाल ने 1 से 2 दिन के अंदर अपना फैसला चुनाव आयोग को भेजने के लिए कहा है।
रायपुर के मेफेयर रिजॉर्ट में रुके झारखंड के विधायक शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
राजभवन में प्रतिनिधिमंडल करीब आधे घंटे तक रुका। कांग्रेस से कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, सांसद गीता कोड़ा, राज्य सभा सांसद धीरज साहू, JMM से विजय हंसदा और महुआ मांझी राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे थे। प्रतिनिधिमंडल ने आज ही राज्यपाल से मुलाकात का समय मांगा था। राजभवन से शाम 4 बजे मुलाकात का समय दिया गया था।
वहीं दूसरी तरफ कैबिनेट की बैठक के लिए सभी मंत्रियों को रायपुर से रांची बुला लिया गया है। जेएमएम कोटे के मंत्री जहां पहले से ही रांची में थे तो कांग्रेस कोटे के 4 मंत्री जिन्हें रायपुर शिफ्ट किया गया था, उन्हें भी बुधवार की शाम स्पेशल विमान से रांची बुला लिया गया है|
कैबिनेट के बाद CM की अगुआई में सभी मंत्री रायपुर जा सकते हैं
वहीं राज्य में सियासी संकट के मद्देनजर झारखंड की पूरी सरकार शुक्रवार को रायपुर शिफ्ट होने की संभावना है। प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुआई में सभी देर शाम रायपुर के मेफेयर गोफ्ल रिसॉर्ट रायपुर पहुंच सकते हैं।
झारखंड में भी दिल्ली जैसी स्थिति इसलिए विश्ववास मत पेश कर सकती है सरकार
3 दिन पहले ही केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में भी अपना विश्वास मत पेश किया है। वहां भी झारखंड जैसी ही स्थिति बन रही थी। चार विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि उन्हें भाजपा के लोग खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। विधायकों ने दावा किया कि इसके लिए 20-20 करोड़ रुपए देने की पेशकश कर रहे हैं।
विधायकों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास पर बैठक बुलाई थी, जिसमें 9 विधायक नहीं पहुंचे थे। 9 विधायकों के नहीं पहुंचने के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। ऐसें में केजरीवाल ने विश्वासमत प्रस्ताव लाकर सदन में AAP के भीतर एकजुटता का संदेश दिया था। अब यही एकजुटता का संदेश हेमंत सोरेन झारखंड में देना चाहते हैं।
रायपुर के मेफेयर रिजॉर्ट में विधायक
झारखंड में सियासी संकट के बीच UPA के विधायकों को रायपुर एयरलिफ्ट किया गया है। कांग्रेस-JMM और राजद के विधायकों को रांची से इंडिगो के विशेष विमान से रायपुर लाया गया है। विधायकों को 3 बसों में बैठाकर नवा रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट ले जाया गया। रिसॉर्ट के बाहर चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी विधायकों से रिसॉर्ट में मुलाकात की।
विधायकों के लिए मेफेयर रिसॉर्ट को ही क्यों चुना गया?
मेफेयर अभी तक कांग्रेस विधायकों के लिए सबसे अभेद रहा है। पिछले साल जब असम में विधानसभा चुनाव हुए थे और वहां विपक्ष के विधायकों की खरीद-फरोख्त शुरू हुई थी, तब वहां विपक्ष के लगभग एक दर्जन से ज्यादा विधायकों को रायपुर के इसी मेफेयर रिसॉर्ट में लाया गया था।
वहीं जब हरियाणा में राज्यसभा चुनाव होना था, तो वहां भी बीजेपी की तरफ से खरीद-फरोख्त की बात सामने आई, इस पर हरियाणा के विधायकों को मेफेयर में ही ठहराया गया था। अब जब झारखंड सरकार के सामने संकट आया है तो विधायकों को यहां लाया गया है। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को क्राइसिस मैनेजमेंट का मास्टर माना जाता है।
RPN सिंह के कंधे पर है कांग्रेस को तोड़ने की जिम्मेदारी
BJP में जाने से पहले RPN सिंह झारखंड कांग्रेस के प्रभारी थे। राज्य में कांग्रेस को खड़ा करने और सत्ता में साझीदार बनाने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। टिकट बंटवारे से लेकर मंत्री तय करने तक का सार काम खुद RPN सिंह ने संभाला था। माना जाता है कि उन्हें झारखंड कांग्रेस की मजबूती और कमजोरी दोनों की बखूबी जानकारी है। इसलिए अब कांग्रेस को तोड़ने की जिम्मेदारी बीजेपी ने उन्हें ही दी है।
झारखंड कांग्रेस के कई सदस्य अभी भी आरपीएन पार्टी के प्रमुख रंजीत सिंह से संवाद करते हैं। वह लगातार दिल्ली में आरपीएन सिंह से मिल रहे हैं। यही कारण है कि अविनाश पांडे कांग्रेस को बचाने के लिए मोर्चा संभाल रहे हैं। हालांकि अनौपचारिक रूप से, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह एक कठिन काम है।झारखंड कांग्रेस में एक प्रमुख शख्सियत ने दैनिक भास्कर अखबार को बताया कि पार्टी अध्यक्ष आरपीएन सिंह ने कांग्रेस को तोड़ने की जिम्मेदारी एक वरिष्ठ नेता को दी है. पूर्ण लंबाई परीक्षण भी पूरा हो गया था। कांग्रेस के लगभग 12 विधायकों को तोड़कर एक पार्टी बनाने की योजना बनाई जा रही थी, जिसमें नेता का चुनाव वरिष्ठ सदस्य द्वारा किया जाना था।आरपीएन सिंह की योजना लगभग पूरी हो चुकी थी, लेकिन उससे पहले कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल को कोलकाता में गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके बाद टूट-फूट का खेल छिड़ गया। कांग्रेस नेताओं ने उनसे पूरे मामले की व्याख्या करने को कहा।
सोरेन की पत्नी का नाम सबसे आगे
अगर सोरेन की मुख्यमंत्री की कुर्सी जाती है तो इस पद के लिए सबसे पहला नाम सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का है। दूसरे और तीसरे नंबर पर जोबा मांझी और चंपई सोरेन हैं। दोनों सोरेन परिवार के काफी करीबी और विश्वस्त हैं। कांग्रेस ने भी इन नामों पर अभी तक किसी तरह की आपत्ति नहीं जताई है।
क्या है खनन पट्टे का मामला?
10 फरवरी को पूर्व CM रघुवर दास के नेतृत्व में BJP के एक डेलिगेशन ने गवर्नर से मुलाकात की थी। BJP ने राज्यपाल से CM सोरेन की सदस्यता रद्द करने कि मांग की थी। BJP ने आरोप लगाया था कि CM सोरेन ने पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल पत्थर माइनिंग लीज लिया है। BJP का आरोप है कि यह लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RP) 1951 की धारा 9A का उल्लंघन है। गवर्नर ने BJP की यह शिकायत चुनाव आयोग को भेजी।
By Riya Tyagi