सुप्रीम कोर्ट ने HIV पॉजिटिव पूर्व-सैनिक का इलाज बेस अस्पताल में करने का दिया आदेश

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सेना को एचआईवी संक्रमित एक पूर्व सैनिक का इलाज स्थानीय बेस अस्पताल में करने का निर्देश दिया. यह पूर्व सैनिक कथित तौर पर सेना के एक अस्पताल में दूषित खून चढ़ाए जाने के कारण एचआईवी से संक्रमित हुआ था. शीर्ष अदालत ने पूर्व सैनिक की चिकित्सकीय स्थिति रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया. ‘ऑपरेशन पराक्रम’ का हिस्सा रहे सैनिक ने इस आरोप के साथ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है कि उसे 2002 में सेना के एक फील्ड अस्पताल में दूषित खून चढ़ाया गया था, जिसके कारण वह एचआईवी से संक्रमित हो गया था और अब वह (इसकी वजह से) एड्स का रोगी हो चुका है.

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसे सेना के अस्पतालों में इलाज देने से मना किया जा रहा है. संसद पर 13 दिसंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन पराक्रम’ चलाया था. सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष दलील दी, ‘‘वह (पूर्व सैनिक) हमारा आदमी है. हम उसका ख्याल रखेंगे.” पीठ ने कहा, ‘‘इस विवाद की प्रकृति और याचिकाकर्ता को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराए जाने की तात्कालिकता से यह अदालत 25 अप्रैल और 18 जुलाई 2022 को निपट चुकी थी.”

पूर्व सैनिक ने दावा किया कि (शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद) जब वह बेस अस्पताल गया तो कम से कम तीन बार उसे इलाज देने से मना कर दिया गया. पीठ ने अब इस मामले को दूसरी पीठ के समक्ष 22 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *