एक ही बाइक दो बार चुराई… 2 महीने में कर चुके थे 20 वारदातें, दिल्‍ली से चार गिरफ्तार

दिल्‍ली पुलिस ने जिस गैंग को पकड़ा है, उसका सरगना अर्शु उर्फ समीर भजनपुरा थाने का घोषित बदमाश है। इन लोगों ने सितंबर में जो बाइक चुराई उसे 2018 में भी चुरा चुके थे।

नई दिल्ली: सीमापुरी पुलिस ने शातिर झपटमारी गैंग का पर्दाफाश किया है। गैंग सरगना मौजपुर निवासी अर्शु उर्फ समीर (26), नॉर्थ घोंडा निवासी मोहम्मद शोएब (22), सुभाष मोहल्ला निवासी कैफ (23) और नोसिन (19) को गिरफ्तार किया है। अर्शु उर्फ समीर भजनपुरा थाने का घोषित बदमाश (BC) है, जिस पर 22 केस हैं। इनसे 37 ग्राम गोल्ड, चेन बेचकर खरीदा ब्रैंडेड फोन, 4500 कैश और चोरी के दो टू-वीलर बरामद किए हैं। आरोपी शाहदरा के अलावा नॉर्थ ईस्ट, नॉर्थ और सेंट्रल जिले में सक्रिय थे। दो महीने में 20 वारदातों को अंजाम दिया था।

इनकी गिरफ्तारी से 9 केस सुलझाने का दावा किया गया है।डीसीपी (शाहदरा) आर. सत्यसुंदरम ने बताया कि 17 सितंबर को दिलशाद गार्डन निवासी अमित पांडेय ने ग्रीन वे स्कूल के करीब से बाइक सवार बदमाशों के गोल्ड चेन झपट कर ले जाने की शिकायत दी थी। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। एसएचओ विनय यादव की देखरेख में एसआई विनीत पूनिया, राजकुमार, एएसआई ब्रह्मपाल, संदीप कुमार, एचसी रोहित, संदीप और मनीष की टीम बनाई गई। करीब दस दिन तक 25 किलोमीटर के दायरे में 200 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया। इस दौरान आसपास के इलाकों में भी इस तरह की वारदातें हुईं।

सीसीटीवी फुटेज और टेक्निकल सर्विलांस का विश्लेषण कर पता चला कि आरोपियों का लिंक शास्त्री पार्क, सोनिया विहार, उस्मानपुर, खजूरी, सोनिया विहार और वजीराबाद से है। इस दौरान जिले के एमएसटीयू के एएसआई दीपक ने बताया कि जिस अर्शु उर्फ समीर की तलाश चल रही है, उसे एक बार चेन स्नैचिंग में गिरफ्तार किया था। इससे आरोपी की पूरी जानकारी मिल गई। वजीराबाद के संगम विहार में रेड की तो ये भागने लगा। करीब एक किलोमीटर तक दौड़कर हवलदार रोहित ने इसे दबोचा। इसकी निशानदेही पर बाकी तीनों को भी पकड़ लिया गया।

गैंग ने एक बाइक की दो बार चोरी


भजनपुरा इलाके से आरोपियों ने 7 सितंबर को एक बाइक चोरी की थी। ये वारदात सीसीटीवी में कैद हुई थी। इसी बाइक को आरोपी 2018 में भी चोरी कर चुके थे, जो न्यू उस्मानपुर थाना पुलिस को मिल गई थी। पीड़ित ने इसे अदालत से हासिल कर लिया था। पुलिस का दावा है कि इस बाइक को दोनों बार इसी गैंग ने चोरी किया। दिलचस्प ये है कि पिछली एफआईआर में फाइनल रिपोर्ट नहीं लगने से अबकी बार चोरी का मुकदमा दर्ज नहीं हो सका था।

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