सुप्रीम कोर्ट का NLU कंसोर्टियम को निर्देश, शारीरिक अक्षम को मुहैया कराएं स्क्राइब

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज के कंसोर्टियम (Consortium of NLUs) को एलएलबी कोर्स में दाखिला के लिए निर्धारित क्लैट परीक्षा (CLAT) में भाग ले रहे शारीरिक रूप से अक्षम उम्मीदवारों को स्क्राइब मुहैया कराने में मदद का निर्देश दिया है।

प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा अपने आधिकारिक ज्ञापन में निर्धारित सभी सुविधाओं के साथ दिव्यांग उम्मीदवारों को प्रदान करने के लिए कई निर्देश पारित करते हुए यह आदेश दिया।

पीठ ने निर्देश दिया कि एनएलयू के कंसोर्टियम को ऐसे दिव्यांग उम्मीदवारों को स्क्राइब उपलब्ध कराना चाहिए, जिन्हें स्वयं नहीं मिल पा रहा है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज के कंसोर्टियम के उस सबमिशन को भी स्वीकार कर लिया कि उम्मीदवारों को 11वीं कक्षा के ऐसे छात्र जो भविष्य में CLAT (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट) को क्रैक करने के इच्छुक हैं, और वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोई कोचिंग ले रहे हैं, को स्क्राइब के रूप में प्रदान नहीं किया जा सकता है।

पीठ ने कहा कि हम याचिकाकर्ता अर्नब रॉय के सुझाव को स्वीकार करते हैं और निर्देश देते हैं कि भविष्य में पीडब्ल्यूडी (विकलांग/ दिव्यांग) उम्मीदवारों को दी जाने वाली सुविधाओं के लिए लागू दिशा-निर्देश पहले से जारी किए जाने चाहिए, क्योंकि यह सुनिश्चित करेगा कि उम्मीदवारों को क्लैट (CLAT) देने के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं के बारे में स्पष्ट तौर पर जानकारी है। अदालत ने एनएलयू के कंसोर्टियम को विकलांग व्यक्तियों द्वारा सामना की जाने वाली किसी भी बाधा को दूर करने के अनुरूप तरीके तैयार करने का निर्देश दिया।

एनएलयू का कंसोर्टियम यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाएगा कि इसके दिशा-निर्देश सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक अधिसूचना के अनुरूप हैं। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने पिछले साल 15 दिसंबर को याचिका पर नोटिस जारी किया था और एनएलयू के कंसोर्टियम को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि शारीरिक रूप से अक्षम किसी भी छात्र को तत्कालीन आगामी CLAT परीक्षा और लिखने के लिए स्क्राइब सहित सभी आवश्यक सुविधाओं से वंचित न किया जाए।
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