एक बार फिर जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया के रहे अलग-अलग विचार, कल गुप्ता हो रहे रिटायर

अब यह बेंच सिर्फ एक दिन ही और काम करेगी. कारण यह है कि जस्टिस हेमंत गुप्ता का शुक्रवार को अंतिम कार्यदिवस है. वह 16 अक्टूबर यानी रविवार को रिटायर हो रहे हैं.

नई दिल्ली: 

कर्नाटक हिजाब बैन मामले में दस दिन की मैराथन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया ने अपना मतभेद वाला फैसला सुनाया. हालांकि, इस बेंच के दो जजों के बीच मतभेद वाला ये पहला फैसला नहीं है.  कुछ वक्त के भीतर ही मतभेद वाले फैसले का ये दूसरा बड़ा मामला है. खास बात यह है कि दोनों ही मामलों को बड़ी बेंच को भेजा गया और दोनों ही मामले धर्म और कर्नाटक से जुडे़ हैं. 

30 अगस्त, 2022 को वक्फ बोर्ड द्वारा दायर याचिका में दोनों जजों की विभाजित राय रही. इस मामले में बेंगलुरु के चामराजपेट के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने की अनुमति दी गई थी. दोनों जजों ने दो घंटे तक सुनवाई करने के बाद मामले को बड़ी बेंच के पास भेज दिया.

इस मामले में जस्टिस गुप्ता हाईकोर्ट के आदेश को बनाए रखने के इच्छुक थे, लेकिन जस्टिस धुलिया इसके खिलाफ थे. फिर मामला 3 जजों की पीठ के पास गया, जिसने गणेश चतुर्थी समारोह से इनकार कर दिया. हालांकि, अब यह बेंच सिर्फ एक दिन ही और काम करेगी. कारण यह है कि जस्टिस हेमंत गुप्ता का शुक्रवार को अंतिम कार्यदिवस है. वह 16 अक्टूबर यानी रविवार को रिटायर हो रहे हैं.

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