पिछले साल भी हुई थी मनीष के मर्डर की कोशिश, तब फेल रहे आरोपियों ने जेल से ही करवा दी हत्या
Delhi Sunder Nagri Murder Case : दिल्ली के सुंदरनगरी में मनीष शर्मा नाम के युवक की दिनदहाड़े हत्या में काफी सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। उसकी हत्या जेल में बंद उन्हीं दो अपराधियों ने कराया है जिन पर पिछले वर्ष मनीष की ही हत्या का प्रयास करने का आरोप है।
नई दिल्ली: सोचिए, कानून की हनक कितनी कम हो गई है कि आम अपराधी जेल में बैठे-बैठे हत्या करवा देते हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सुंदरनगरी में 19 वर्षीय मनीष शर्मा की हत्या का राज ज्यों-ज्यों बाहर आ रहा है, हैरानी बढ़ती जा रही है। अब पता चला है कि मंडोली जेल में बंद दो अपराधियों ने ही मनीष की हत्या करवाई है। हैरानी की बातय है कि ये दोनों अपराधी मोहसिन और शाकिर, पिछले वर्ष मनीष के मर्डर करने की कोशिश के आरोप में ही जेल गए हैं। पुलिस ने दोनों को फिर से गिरफ्तार किया है। मनीष की पिछले शनिवार को दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी।
- जेल से ही करवा दी मनीष की हत्या
- पुलिस ने जेल में बंद मोहसिन और शाकिर से पूछताछ की तो उसने सारा राज उगल दिया। उसने बताया कि मनीष को मारने की कोशिश में पिछले साल असफल रहने के बाद दोनों को जेल तो हुई, लेकिन उनका प्लान चलता रहा। दोनों ने पुलिस को बताया कि मनीष को मुकदमा वापस लेने को कहा जा रहा था, लेकिन वो बार-बार इनकार करता रहा। तब मोहसिन ने अपने भाई साजिद को मनीष को ठिकाने लगाने का जिम्मा दिया।
- भाई के इशारे पर साजिद ने शनिवार को आलम, फैजान और बिलाल के साथ मनीष को गलियों दौड़ा-दौड़ाकर काट डाला। उससे पहले साजिद अपने भाई मोहसिन और हत्या के प्रयास के आरोप में उसके सहयोगी शाकिर से जेल में बार-बार मिलता रहता था और उसे मनीष को लेकर एक-एक जानकारी देता रहता था। सूत्रों ने बताया कि इसी तरह की एक मीटिंग में साजिद ने भाई मोहसिन को बताया कि लगातार धमकियों के बावजूद मनीष मुकदमा वापस लेने को राजी नहीं हो रहा है। तब मोहसिन और शाकिर ने साजिद को मनीष को खत्म करने का ऑर्डर दे दिया। साजिद को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया है।
- पुलिस को साजिद ने बताया कि कैसे जेल में बंद उसके भाई साजिद ने ही उसे मनीष को मारने की आदेश दिया था। साजिद के बयान पर पुलिस ने मोहसिन और शाकिर को दोबारा गिरफ्तार कर लिया और अपनी हिरासत में दोनों से कड़ाई से पूछताछ की। फिर तो दोनों ने पुलिस को सारी साजिश बता दी और बताया कि कैसे मनीष मुकदमा वापस लेने को तैयार नहीं हो रहा था, इसलिए उसे मारना पड़ा।