कोई भरोसा करे तो किस पर करे, दिल्ली में बुजुर्ग महिला की हत्या से उठे कई सवाल

दिल्ली में 86 साल की एक बुजुर्ग महिला का बेरहमी से कत्ल कर दिया जाता है। कत्ल किसी अनजान शख्स ने नहीं किया। पुलिस भी जब हत्या वाले कमरे में पहुंची तो वो भी हैरान थी। हालांकि पुलिस को इस मामले में कातिल तक पहुंचने में बहुत अधिक वक्त नहीं लगा।

नई दिल्ली: घर के अंदर बालकनी की तरफ एक कमरे की दीवार पर खून के छींटे, एक जोड़ी लेडीज चप्पल, चश्मा फर्श पर पड़ा था। यह दिल दहला देने वाला नजारा था दिल्ली के रानी बाग इलाके का। 86 साल की बुजुर्ग महिला की घर के अंदर चाकू से कई बार गोद कर हत्या कर दी गई और घर से तीन लाख रुपये नकद गायब था। इस हत्या के पीछे एक जानने वाले ही शख्स का हाथ था। 86 साल की बुजुर्ग महिला की हत्या के ड्राइवर का हाथ था जिसे कुछ दिनों पहले निकाल दिया गया था। बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल पहले भी उठते रहे हैं और कहा जाता है कि किसी अनजान को घर न बुलाएं। यहां तो जानने वाले ने ही भरोसे का कत्ल कर दिया।

हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए एसीपी रिक्षपाल सिंह के सुपरविजन में एक टीम जुट गई। जांच में पता चला कि घर से लाखों रुपये गायब है। सबसे पहले पुलिस ने घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाला। इसी दौरान एक संदिग्ध दिखा। इस संदिग्ध की पहचान इस घर के पुराने ड्राइवर के रूप में हुई। ड्राइवर मूलत: राजस्थान का रहने वाला है लेकिन दिल्ली में वह कहां रहता है यह किसी घरवाले को नहीं पता था।

ड्राइवर की तलाश पुलिस ने तेज कर दी और उसे दिल्ली के पीतमपुरा से पकड़ लिया गया। जब पुलिस की टीम उसके पास पहुंची तब वह अपनी पत्नी के साथ राजस्थान भागने के लिए सामान पैक कर रहा था। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह ड्राइवर का काम करता था और कुछ दिन पहले उसे नौकरी से निकाल दिया गया था।

ड्राइवर ने बताया कि उसे इस बात की जानकारी थी कि मालिक के घर में अलमारी में कैश रखा है। जिसके बाद उसने 4 अक्टूबर को उसने अकेले लूट की योजना बनाई। पहले उसने पीतमपुरा से चाकू खरीदा। घर के दूसरे लोग टहलने गए थे वह घर में घुस गया। उसको घर में घुसता देख महिला ने शोर मचाना शुरू कर दिया तब ड्राइवर ने बुजुर्ग महिला पर हमला बोल दिया और पैसे लेकर भाग गया।

घर पर अकेले रहने वाले बुजुर्ग याद रखें ये बात

दिल्ली पुलिस ने जून 2004 में अलग से एक सीनियर सिटिजंस सिक्यॉरिटी सेल बनाई। जिसका मकसद घर में अकेले रहने वाले बुजुर्गों को चिह्ननित करके उनकी सेफ्टी और सिक्यॉरिटी के प्रति उचित कदम उठाना था। यह सेल क्राइम ब्रांच के जॉइंट कमिश्नर के अधीन काम करती है। अब दिल्ली के 15 जिलों में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर भी बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए अलग से सेल बना दिया गया है। पुलिस बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन 1291 भी चलाती है, जिस पर कॉल करके बुजुर्ग किसी भी तरह की सहायता के लिए पुलिस को बुला सकते हैं।अकेले रहने वाले बुजुर्गों की पहचान करके उन्हें सीनियर सिटिजन सिक्यॉरिटी सेल के तहत रजिस्टर करने के लिए भी दिल्ली पुलिस ने कईं तरह के सिस्टम बना रखे हैं, जिनकी मदद से बुजुर्ग दिल्ली पुलिस में अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।

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