Good News: AIIMS में मरीजों को सर्जरी के लिए नहीं करना होगा सालों लंबा इंतजार

दिल्ली एम्स के नए डायरेक्टर आने के बाद से कई बदलाव लगातार किए जा रहे हैं। ऐसे ही एक बदलाव में अब सर्जरी के लिए ऑपरेशन थिएटर्स को दो शिफ्ट में चलाने की बात हो रही है। इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी क्योंकि अभी 6 महीने से लेकर 5-5 साल तक सर्जरी के लिए वेटिंग टाइम मिलता है।

नई दिल्लीः एम्स में सर्जरी की वेटिंग आधी हो सकती है। एम्स प्रशासन ने मरीजों का राहत देते हुए दो शिफ्ट में सर्जरी करने की योजना बनाई है। इसकी शुरुआत एम्स के मेन ऑपरेशन थियेटर से करने की योजना है। हालांकि इससे पहले भी दो शिफ्ट में सर्जरी करने का मामला उठ चुका है, लेकिन इस बार यह मामला खुद एम्स के नए डायरेक्टर एम. श्रीनिवास ने उठाया है। उन्होंने अस्पताल के मेन ओटी के मैनेजमेंट को दो शिफ्ट में ऑपरेशन थियेटर चलाने की सिफारिश की है। अभी एम्स में सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक ऑपरेशन थियेटर चलता है, लेकिन सिफारिश के अनुसार इसे दो शिफ्ट यानी पहली शिफ्ट सुबह 8 बजे से दोपहर दो बजे और दूसरी शिफ्ट दोपहर दो बजे से लेकर शाम 8 बजे तक किया जा सकता है। 12 घंटे लगातार ऑपरेशन थियेटर में सर्जरी होने से मरीजों का सर्जरी के लिए इंतजार कम हो जाएगा।

एम्स में सर्जरी की वेटिंग सबसे बड़ी समस्या है। कुछ डिपार्टमेंट में छह महीने से एक साल तक की वेटिंग है तो कुछ में 5-5 साल तक है। एम्स के मेन ऑपरेशन थियेटर (ओटी) जो कि मेन बिल्डिंग की आठवीं मंजिल पर है, इसमें कुल 12 ऑपरेशन थियेटर हैं। इसमें भी सर्जरी की वेटिंग छह महीने तक है। इस ओटी में मुख्य रूप से अब जीआई सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, यूरोलॉजी सर्जरी होती है। पहले इसी ओटी में जनरल सर्जरी भी होती थीं, लेकिन हाल ही में शुरू हुए सर्जरी ब्लॉक में उसे शिफ्ट कर दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की ओर से गठित कमेटी ने भी दो शिफ्ट में ओटी चलाने की बात कही थी, लेकिन उसे अमल में नहीं लाया जा सका। इस बार एम्स के डायरेक्टर एम. श्रीनिवास ने ही पहल की है तो उम्मीद है कि पहले मेन ओटी में इसकी शुरुआत होगी और बाद में बाकी अन्य डिपार्टमेंट में भी इसे लागू किया जाएगा।

इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को एम्स डारेक्टर ने बैठक की थी, जिसमें मुख्यतौर पर जीआई सर्जरी के हेड और ओटी यूजर कमेटी के चेयरपर्सन डॉ. पीयूष साहनी, एनेस्थिसियोलॉजी के हेड डॉ. लोकेश कश्यप, ऑफिसर इन चार्ज मेन ओटी डॉ. जितेंद्र सोढ़ी और मेन ओटी के डीएनएस मौजूद रहे। बैठक में कई अहम मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिसमें ओटी की ड्यूटी के दौरान काम पर फोकस रखना, अलर्ट रहना, मरीजों के खाने पीने और बैठने की व्यवस्था सही से होने पर भी बात हुई।

वहीं, मेन ओटी के आसपास बिना वजह लोगों के आने जाने पर सख्ती बरतने का निर्देश दिया है। इसके लिए एंट्री पॉइंट पर एक महीने में चेहरे की पहचान का सिस्टम और लिफ्ट के दरवाजे पर आरएफआइडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) टैग लगाया जाएगा। ओटी में निजी वेंडर और प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों को भी एंट्री नहीं दी जाएगी। आदेश में ओटी में किसी उपकरण को ठीक करने के लिए कम से कम लोगों को ही जाने की अनुमति मिलेगी। इसकी वजह संक्रमण को रोकना बताया गया है। साथ ही डायरेक्टर ने मरीजों के तीमारदारों के लिए छठीं और सातवीं मंजिल पर एक हफ्ते में 20-20 कुर्सियां लगाने का निर्देश दिया है और उनके खानपान के लिए दो हफ्ते में कियोस्क भी लगाने को कहा है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *