गहलोत का सियासी मैसेज- ‘नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत नहींं’:हफ्तेभर की एक्टिविटीज में गहलोत ने दर्शाया

राजस्थान में सियासी संकट टला है या नहीं, ये अब भी चर्चा का विषय है। इसे लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों के समर्थकों के अपने दावे हैं। गहलोत खेमा जहां एक ओर यह दावा कर रहा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही रहेंगे। वहीं दूसरी ओर सचिन पायलट खेमा अब भी इस विश्वास पर कायम है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलेगा। कौन मुख्यमंत्री होगा और कौन नहीं, इसका फैसला तो कांग्रेस हाईकमान स्तर पर होगा। मगर दिल्ली से लौटने के बाद सीएम अशोक गहलोत का अंदाज, हावभाव और सियासी मैसेज बहुत कुछ बयान कर रहे हैं।

दिल्ली से लौटने के बाद से ही अशोक गहलोत ने हर मोर्चे पर यह मैसेज देने की कोशिश की है कि सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद उनकी कुर्सी को खतरा नहीं है। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक ये मानते हैं कि गहलोत ने पिछले एक हफ्ते में सीधे तौर पर अपनी एक्टिविटीज से यह बताया है कि राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत नहीं है। उनके नेतृत्व में कांग्रेस सरकार अच्छे से काम कर रही है।

हफ्ते भर की एक्टिविटीज से समझें गहलोत क्या मैसेज देना चाहते हैं

दिल्ली से लौटते ही एक अक्टूबर को अशोक गहलोत बीकानेर, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर के दौरे पर गए। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वे कहीं भी रहें मगर राजस्थान, जोधपुर और महामंदिर छोड़कर नहीं जाएंगे। उन्होंने यहां तक कहा कि जो वो बार-बार कहते हैं उसके मायने होते हैं। गहलोत लगातार ये कहते आए हैं कि वो राजस्थान से दूर नहीं रहेंगे।

लगातार दौरे और बैठकों से सक्रियता का मैसेज

गहलोत ने दिल्ली से आने के बाद लगातार बैठकें और दौरे किए। आते ही वे पहले बीकानेर संभाग के दौरे पर गए। यहां ग्रामीण ओलिम्पिक में वे उसी तरह शामिल हुए, जिस तरह पिछले महीने हुए विधायकों के इस्तीफे के घटनाक्रम से पहले शामिल हो रहे थे। इसी बीच उन्होंने कई प्रशासनिक बैठकें लीं, बजट को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने एसीबी मुख्यालय पहुंचकर चौंका दिया, वहां अफसरों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इसके अलावा इनवेस्टर्स समिट को लेकर भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए।

अगला बजट पेश करने का मैसेज

सीएम ने बीकानेर संभाग के दौरे से लौटते ही सभी विभागों के सचिवों के साथ बजट को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि आने वाला बजट युवाओं और स्टूडेंटस पर फोकस रहेगा। यह भी कहा कि बजट एक माह जल्दी भी आ सकता है। इस बयान से गहलोत ने यह मैसेज दिया कि अगला बजट भी वे ही पेश करेंगे।

इनवेस्टर समिट से स्थिरता का मैसेज

7 अक्टूबर को राजस्थान में इनवेस्टर समिट शुरू हुआ है। ऐसे में पहले समिट प्रेस कॉन्फ्रेंस और उसके बाद उद्योग मंत्री शकुंतला रावत और सीएम गहलोत ने भी बयान दिया कि राजस्थान में सरकार स्थिर है। इसके अलावा इनवेस्टर समिट में गौतम अडाणी, अनिल अग्रवाल सहित कई नामी कम्पनियों के मालिक और उनके सीईओ को बुलाया गया। समिट में अडाणी और अग्रवाल दोनों ने गहलोत की काफी तारीफ की। इसके अलावा कई बड़ी कम्पनियों ने राजस्थान में करोड़ों के इनवेस्टमेंट का भरोसा भी दिलाया।

साफ मैसेज : जब सब ठीक तो नेतृत्व परिर्वतन क्यों

राजनीतिक विश्लेषकों और गहलोत के करीबी लोगों का कहना है कि गहलोत ने अपने हफ्तेभर के कार्यक्रमों से हाईकमान को मैसेज दिया है। गहलोत साफ तौर पर हाईकमान को यह बताना चाहते हैं कि उनके रहते राजस्थान में सबकुछ ठीक है। इनवेस्ट समिट जैसे कार्यक्रम हो रहे हैं। पूरी ब्यूरोक्रेसी और सभी मंत्री और विधायक जोश के साथ काम कर रहे हैं, सरकार रफ्तार से चल रही है तो फिर यहां नेतृत्व परिवर्तन की जरुरत ही क्यों है? गहलोत खेमे के विधायक और मंत्री भी यही मैसेज देना चाहते हैं कि गहलोत के रहते राजस्थान में किसी और की जरूरत नहीं है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *