Delhi Weather: दिल्ली-एनसीआर में बारिश, आज जमकर बरसेंगे बदरा, मौसम विभाग ने जारी किया है यलो अलर्ट

मानसून जाते-जाते लगातार तीसरे दिन भी दिल्ली-एनसीआर पर मेहरबान है। बारिश का सिलसिला शुरू हो चुका है। आज बादल जमकर बरस सकते हैं। मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है। मानसून की विदाई अब करीब आ गई है। इस कड़ी में जाते हुए बादल दिल्ली-एनसीआर की हवा को साफ कर रहे हैं। यही वजह है कि बीते दो दिनों से लगातार बारिश होने की वजह से हवा की सेहत संतोषजनक से लेकर औसत श्रेणी में बनी हुई है। लगातार दूसरे दिन सबसे खराब स्थिति गुरुग्राम की रही है। यहां का एक्यूआई 136 दर्ज किया गया है। एक दिन पहले यह आंकड़ा 141 था। वहीं, बुधवार को दिल्ली और गाजियाबाद शहरों का एक्यूआई 109 व 106 क्रमश: के साथ संतोषजनक श्रेणी में रहा। विशेषज्ञों का पूर्वानुमान है कि मानसून की विदाई के बाद प्रदूषण का मीटर तेजी से चढ़ेगा व हवा की गुणवत्ता खराब से बहुत खराब श्रेणी में पहुंच सकती है। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के पूर्व अतिरिक्त निदेशक डॉ. एसके त्यागी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के लिए विभिन्न स्त्रोत जिम्मेदार हैं। अभी दिल्ली-एनसीआर के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। हालांकि, अभी इसका धुआं दिल्ली-एनसीआर तक नहीं पहुंचा है, लेकिन स्थानीय स्तर पर उड़ने वाली धूल व अन्य प्रदूषकों की वजह से हवा की सेहत बिगड़ रही है। बीते दो दिनों से बारिश की वजह से वातावरण में मौजूद प्रदूषक तत्व जमीन पर बैठ गए हैं। अगले दो से ती दिनों में बारिश की दौर खत्म होने के बाद प्रदूषकों को जमने में मदद मिलेगी व दिल्ली-एनसीआर की सांसों पर फिर से संकट शुरू हो जाएगा। 

हवा की रफ्तार रहेगी कम, मिक्सिंग हाइट व वेंटिलेशन इंडेक्स घटेगा


भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान के मुताबिक, अगले 24 घंटे में हवा की रफ्तार कम होने के साथ मिक्सिंग हाइट व वेंटिलेशन इंडेक्स भी कम होगा। पूर्वी व दक्षिण-पूर्वी दिशा से आने वाली हवाओं का दौर जारी रहेगा व 22 से 24 सितंबर तक हवा की गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में रहेगी। वहीं, हवा की रफ्तार आठ से 22 किलोमीटर प्रतिघंटा तक दर्ज की जा सकती है। मिक्सिंग हाइट 1300 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स 4300 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रह सकता है, जबकि बुधवार को मिक्सिंग हाइट 2100 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स 4500 वर्ग मीटर प्रति सेकंड रहा था। बता दें कि वेंटिलेशन इंडेक्स छह हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड व हवा की रफ्तार 10 किलोमीटर प्रतिघंटा से कम होने पर प्रदूषकों को फैलने में मदद नहीं मिलती है व प्रदूषण बढ़ता है। 

2.5 माइक्रोमीटर से बड़े कणों की पीएम 10 में रही 51 फीसदी हिस्सेदारी


केंद्र की वायु मानक संस्था सफर इंडिया के मुताबिक, बीते 24 घंटे में पीएम 10 में 2.5 माइक्रोमीटर से बडे़ कणों की हिस्सेदारी 51 फीसदी रही है। आगामी दो दिनों तक बारिश की संभावना को देखते हुए हवा की गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में रह सकती है। वहीं, हवा की रफ्तार भी मध्यम रहेगी। बुधवार को पीएम 10 का स्तर 95 व पीएम 2.5 का स्तर 44 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज किया गया। 

मौसम विभाग के मुताबिक, बीते 24 घंटे में लगातार बादल छाए रहने व हल्की बूंदाबांदी की वजह से दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य के बराबर 34.1 व न्यूनतम तापमान भी सामान्य के बराबर 25.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पूर्वी व दक्षिण पूर्वी दिशा से आने वाली नमी भरी हवाओं की वजह से नमी का स्तर 69 से 98 फीसदी तक दर्ज किया गया। दिल्ली में उत्तरी क्षेत्र में अधिक बारिश दर्ज की गई है।मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि गुरुवार को दिनभर बादल छाए रहने के साथ तेज बारिश के आसार हैं। इस कड़ी में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में कमी होगी। अधिकतम तापमान 31 व न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। विभाग के मुताबिक, इसके अगले दिन भी कमोबेश यही स्थिति रहेगी व बारिश का दौर जारी रहेगा। शुक्रवार के बाद मानसूनी गतिविधियां कम होना शुरू हो जाएगी व कुछ जगहों पर हल्की बूंदाबांदी दर्ज की जा सकती है। 

भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान के मुताबिक, अगले 24 घंटे में हवा की रफ्तार कम होने के साथ मिक्सिंग हाइट व वेंटिलेशन इंडेक्स भी कम होगा। पूर्वी व दक्षिण-पूर्वी दिशा से आने वाली हवाओं का दौर जारी रहेगा व 22 से 24 सितंबर तक हवा की गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में रहेगी। वहीं, हवा की रफ्तार आठ से 22 किलोमीटर प्रतिघंटा तक दर्ज की जा सकती है। मिक्सिंग हाइट 1300 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स 4300 वर्ग मीटर प्रति सेकंड रह सकता है, जबकि बुधवार को मिक्सिंग हाइट 2100 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स 4500 वर्ग मीटर प्रति सेकंड रहा था। बता दें कि वेंटिलेशन इंडेक्स छह हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड व हवा की रफ्तार 10 किलोमीटर प्रतिघंटा से कम होने पर प्रदूषकों को फैलने में मदद नहीं मिलती है व प्रदूषण बढ़ता है।

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