Delhi : सत्येंद्र जैन ने अपने मामले को दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने पर आपत्ति जताते हुए रखा तर्क

 ईडी के अनुरोध पर एक न्यायाधीश से दूसरे न्यायाधीश को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत मामले की कार्यवाही स्थानांतरित करने के राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश को जैन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को हाई कोर्ट में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ‘देश पर शासन करने वाली एक असामान्य प्रजाति’ है। उसे किसी न्यायाधीश को धमकाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इसके साथ ही उसे बिना किसी आधार पर ‘पक्षपाती’ होने के दावे के साथ मनी लांड्रिंग मामले के स्थानांतरण की मांग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जैन ने अपने मामले को दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने पर आपत्ति जताते यह तर्क रखा।

न्यायमूर्ति योगेश खन्ना के समक्ष जैन की और से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि यह उचित समय है कि न्यायपालिका खड़ी हो और कहे कि इस तरह की रणनीति का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। आपको यह तय करना होगा कि इस मामले में जज को सुरक्षा की जरूरत है या ईडी को।

 ईडी के अनुरोध पर एक न्यायाधीश से दूसरे न्यायाधीश को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जमानत मामले की कार्यवाही स्थानांतरित करने के राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश को जैन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थीं और मामला अपने अंतिम चरण में था, जब ईडी ने न्यायाधीश की ओर से पक्षपात का आरोप लगाते हुए मामले को स्थानांतरित करने की मांग की।

सिब्बल ने तर्क दिया कि नए सिद्धांत विकसित किए जा रहे हैं। यह आपराधिक न्यायशास्त्र का नया पहलू है जिसे वे विकसित कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा भी जैन की ओर से पेश हुए और कहा कि 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब की भी भारत में निष्पक्ष सुनवाई हुई और उसे यकीन है कि जैन उससे भी बदतर नहीं है।

 मामले को स्थानांतरित करने की अनुमति देने वाले जिला न्यायाधीश के आदेश का हवाला देते हुए सिब्बल ने कहा कि न्यायाधीश ने माना है कि ईडी को अधिकार क्षेत्र वाली किसी भी अदालत को चुनने का अधिकार है।

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