प्रदूषण के ‘रावण’ से जंग को तैयार दिल्ली… आज से लागू हो रहा ग्रैप
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए हर साल ग्रैप 15 अक्टूबर से लागू होता है। तब तक दशहरा जैसे आयोजन हो चुके होते है, लेकिन इस बार इसे एक अक्टूबर से लागू किया जा रहा है। इसकी वजह से वह इन फेस्टिवल के मध्य में लागू रहेगा। इस बार नियम में भी कुछ बदलाव किया गया है।
नई दिल्ली: ग्रैप आज से लागू हो रहा है, लेकिन इसका पहला स्टेज तभी लागू होगा जब हवा खराब होने का पूर्वानुमान होगा। अगले सात दिनों तक हवा के खराब होने के आसार नहीं हैं। इसलिए आने वाले दिनों में ग्रैप को लेकर कोई मीटिंग भी नहीं हो रही है। हवा खराब होने के पूर्वानुमान पर इसकी पहली मीटिंग होगी। हर साल ग्रैप 15 अक्टूबर से लागू होता है। तब तक दिवाली, दशहरा, दुर्गापूजा जैसे आयोजन हो चुके होते है, लेकिन इस बार इसे एक अक्टूबर से लागू किया जा रहा है। इसकी वजह से वह इन फेस्टिवल के मध्य में लागू रहेगा। राहत इस बात की है कि हवा के अभी खराब होने के आसार नहीं हैं।
किया गया था संशोधित : सीएक्यूएम ने करीब दो महीने पहले ग्रैप को संशोधित किया था। इसके बाद से ही कुछ बदलावों पर आरडब्ल्यूए और आम लोगों ने असहमति जाहिर की थी। खासकर लोग बीएस-4 डीजल गाड़ियों को बंद करने का विरोध कर रहे हैं। हालांकि यह नियम तभी लागू होगा जब हवा जहरीले स्तर यानी एक्यूआई 450 से उपर पहुंच जाएगा।
क्या है पूर्वानुमान : आईआईटीएम पूणे के अनुसार 3 अक्टूबर तक प्रदूषण सामान्य स्थिति में रहेगा। चार और पांच अक्टूबर को हल्की बारिश होने की उम्मीद है। इसकी वजह से अगले सात दिनों तक प्रदूषण संतोषजनक से सामान्य स्थिति में रहेगा। बीते गुरुवार को पूर्वानुमान था कि प्रदूषण दो अक्टूबर को खराब हो सकता है, लेकिन 30 सितंबर के पूर्वानुमान में इसे बदल दिया गया।
क्या है स्थिति : पिछले साल अक्टूबर में छह दिन खराब स्तर के थे। वहीं एक भी दिन बेहद खराब या गंभीर स्तर का नहीं रहा था। 2021 में अक्टूबर का औसत एक्यूआई 298 था। वहीं पिछले साल ग्रेप के दौरान 80 दिन खराब, 65 दिन बेहद खराब और 20 दिन गंभीर और चार दिन इमरजेंसी स्तर पर प्रदूषण दर्ज किया गया।
हो रही है मॉनिटरिंग : सीएक्यूएम की ग्रेप सब मिटी के एक अधिकारी ने बताया कि तीन दिनों के पूर्वानुमान की मॉनिटरिंग की जा रही है। जैसे ही प्रदूषण के खराब स्तर पर पहुंचने के संकेत मिलेंगे, सब कमिटी की मीटिंग होगी। खराब पूर्वानुमान पर ग्रेप के चरण अपने आप लागू हो जाएंगे। यदि प्रदूषण के और बढ़ने के आसार होंगे तो समय-समय पर रिव्यू मीटिंग भी होंगी। अभी पूर्वानुमान में प्रदूषण खराब स्तर पर नहीं गया है।
पूर्वानुमान के आधार पर होगा लागू : सीएसई (सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट) की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता राय चौधरी के अनुसार इस साल ग्रेप को अधिक प्रभावी बनाया गया है। यह एक्यूआई बढ़ने के बाद नहीं बल्कि पूर्वानुमान के आधार पर लागू होगा। इतना ही नहीं इसे 15 अक्टूबर की बजाय एक अक्टूबर से लागू किया जा रहा है। इस बार दिवाली भी समय से पहले आ रही है। ऐसे में संभावना है कि नवंबर और दिसंबर कुछ साफ रहेंगे।