Delhi News : फेसबुक की याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने कहा- कहीं तो खत्म होंगी याची को मिल रहीं सहूलियतें
Delhi : दिल्ली हाईकोर्ट ने फेसबुक इंडिया की एक याचिका खारिज कर दी है। इसमें फेसबुक ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की ओर से अपनी कंपनी व्हाट्सएप की निजता नीति 2021 की जांच का आदेश रद्द करने की मांग की थी। इसी मामले में कंपनी की याचिका तीसरी बार खारिज हुई है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने फेसबुक इंडिया की एक याचिका खारिज कर दी है। इसमें फेसबुक ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की ओर से अपनी कंपनी व्हाट्सएप की निजता नीति 2021 की जांच का आदेश रद्द करने की मांग की थी। इसी मामले में कंपनी की याचिका तीसरी बार खारिज हुई है। हाईकोर्ट को भी कहना पड़ा कि याची को मिल रही सहूलियत कहीं तो खत्म करनी होगी।
आज मेटा के नाम से जानी जा रही अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक की भारतीय यूनिट ने सिंगल जज के समक्ष याचिका में कहा था कि प्रथम दृष्टया कोई नजरिया रखे बिना सीसीआई अपने महानिदेशक से फेसबुक व व्हाट्सएप की जांच करवा रहा है। हाईकोर्ट को व्हाट्सएप की निजता नीति से जुड़ी इस जांच को रोकना चाहिए।
जांच आदेश को अलग याचिका में चुनौती की छूट
- अप्रैल में हाईकोर्ट के सिंगल जज ने फेसबुक व व्हाट्सएप की इसी मामले में दायर याचिकाएं खारिज कर दी थीं।
- इसके खिलाफ दोनों ने डिवीजन बेंच में अपील की थी, जिसे 25 अगस्त को खारिज किया गया। हालांकि सीसीआई के जांच आदेश को अलग याचिका में चुनौती देने की छूट दी गई।
डिवीजन बेंच खारिज कर चुकी, अब आप फिर जागे हैं
इस बार सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर जस्टिस यशवंत वर्मा ने कहा कि डिवीजन बेंच फेसबुक की याचिका पहले ही खारिज कर चुकी है। अब आप फिर जागे हैं और नई याचिका में इसे चुनौती दी जा रही है। हम पूरे सम्मान से कहना चाहेंगे कि अब बहुत हुआ। याची को मिली सहूलियत कहीं तो खत्म होंगी।
प्रतिस्पर्धा को नुकसान की साजिश
- जनवरी 2021 में व्हाट्सएप की नई निजता नीति की सीसीआई ने जांच की घोषणा की। कहा, इस नीति के जरिये व्हाट्सएप यूजर्स का ऐसा डाटा जमा कर सकता है, जिसका उपयोग भारत में बाजार की स्वतंत्र प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाने में हो सकता है।
- व्हाट्सएप का कहना था कि सीसीआई यह जांच नहीं कर सकता, नीति भी अभी लागू नहीं की जा रही है। इसके लिए भारत का डाटा संरक्षण कानून बनने और संबंधित मामलों में सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेशों का इंतजार किया जाएगा।
- फेसबुक का तर्क था कि यह जांच सीसीआई का क्षेत्र नहीं है, भले ही उसे कंपनियों के खिलाफ कोई ठोस सामग्री प्रथम दृष्टया मिली हो।
- सीसीआई का पक्ष था कि वह कंपनी की निजता नीति की नहीं, बल्कि व्हाट्सएप व फेसबुक द्वारा यूजर्स की जानकारियों को स्वतंत्र प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने के आरोपों की जांच कर रहा है।