टूरिज्म में गोवा को बनारस ने पीछे छोड़ा, एक साल में सात करोड़ से अधिक पर्यटक 

जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी के सांसद बने है तब से लागतार बनारस विकास के पथ पर अग्रसर है और इसका असर ये है की इससे पर्यटन उद्योग भी तेजी से फल – फूल रहा है और अब तो आलम ये है की गोवा जैसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन को भी बनारस ने काफी पीछे छोड़ दिया है और ये हम नहीं बल्कि आंकड़े इस बात को दर्शाते हैं. इस कारण से अब गोवा सरकार का पर्यटन विभाग भी वाराणसी के साथ गोवा आने का न्योता पर्यटकों को दे रहा है. ताकि पर्यटकों को फियुजन टूरिज्म का मजा मिल सके। बनारस हर क्षेत्र में तेजी से बदला है. गंगा घाट साफ हुए है क्रूज सेवा चल रही है काशी में पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिल रही है काशी विश्वनाथ धाम बन जाने से पर्यटकों का खिंचाव तेजी से बढ़ा है आलम ये है की गोवा जैसी टूरिस्ट डेस्टिनेशन को भी बनारस बहुत पीछे छोड़ चुका है ये हम नहीं बल्कि आंकड़े दर्शा रहे है.


जीएम  पर्यटन विभाग लक्ष्मीकांत वैनागर बताते है की 2021 – 2022 में गोवा में जहां तीन करोड़ संतानवे हजार अठ्ठासी सौ पैंतीस पर्यटक आए है तो वोही सिर्फ बनारस के काशी विश्वनाथ धाम में साढ़े आठ करोड़ पर्यटक आए हैं। ये आंकड़े दर्शा रहे है की किस कदर वाराणसी में पर्यटकों की आमद बढ़ी है. इस बात को गोवा सरकार के पर्यटन अधिकारी खुद बताते है और उनका कहना है कि गोवा भी बहुत प्राचीन शहर है वहा भी प्राचीन शिव मंदिर है और काशी और गोवा पर्यटक आयेंगे तो खासतौर पर युवाओं को फ्यूजन टूरिज्म का अहसास होगा। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा खुद बताते है. कि जिस तरह से वाराणसी में विकास हुआ है उसी का असर है की लगातार बनारस में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है. सावन के महीने में ही सिर्फ काशी विश्वनाथ धाम में सात करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे थे और निरंतर ये संख्या बढ़ती ही जा रही है.

इस बात की पुष्टि खुद वाराणसी के स्थानीय व्यापारी राजकुमार करते है वो बताते है की गोवा को बनारस ने पिछाड़ दिया है यहां सबसे ज्यादा टूरिस्ट आ रहे है।दूसरी तरफ यहां विदेशी पर्यटक भी काशी विश्वनाथ धाम के रंग में रंगे नजर आ रहे है।ब्राजील से आई बेनाथा कहती है की यहां आकर बहुत अच्छा लगता है

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